दिल्ली की राजनीति में हालिया घटनाक्रम में कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) आम आदमी पार्टी (AAP) पर लगातार हमलावर हैं। ताजा विवाद मुख्यमंत्री आतिशी के कार्यभार संभालने के तरीके को लेकर उठा है।
आतिशी, जो अब दिल्ली की नई मुख्यमंत्री हैं, ने मुख्यमंत्री कार्यालय की उस कुर्सी पर बैठने से इनकार कर दिया, जिस पर पहले अरविंद केजरीवाल बैठते थे। उन्होंने उस कुर्सी के बजाय उसके बगल में एक अन्य कुर्सी लगवाई है, और यह कदम राजनीतिक हलकों में चर्चा का विषय बन गया है।
आतिशी का कहना है कि उन्होंने अरविंद केजरीवाल की कुर्सी को प्रतीकात्मक रूप से खाली छोड़ा है। उन्होंने इस संदर्भ में कहा कि जिस प्रकार भगवान राम ने 14 वर्षों के वनवास के बाद अयोध्या का राज्य संभाला था, उसी प्रकार चार महीने बाद अरविंद केजरीवाल फिर से मुख्यमंत्री का पद संभालेंगे।
इस पर कांग्रेस और बीजेपी ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। दिल्ली प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष देवेंद्र यादव ने कहा, “आतिशी ने अरविंद केजरीवाल की तुलना भगवान राम से करके जनता की भावनाओं से खिलवाड़ किया है। भ्रष्टाचार के आरोप में जेल से लौटे केजरीवाल को भगवान राम से तुलना करना निंदनीय है।”
बीजेपी ने भी इस पर हमला बोलते हुए कहा कि आप की राजनीति अब पूरी तरह से ‘डमी’ मुख्यमंत्री पर आधारित हो गई है। बीजेपी नेताओं ने कहा कि दिल्ली की जनता आतिशी से उम्मीदें लगाए बैठी थी, लेकिन उन्होंने खुद को सिर्फ एक प्रतीकात्मक मुख्यमंत्री के रूप में पेश किया है।