गाजीपुर के खोड़ा में नाले में गिरने से मां और बच्चे की मौत मामले पर दिल्ली हाईकोर्ट ने सख्त रुख अपनाया। अदालत ने दिल्ली नगर निगम की लापरवाही की कड़ी आलोचना की, जिसमें नालों की सफाई और बैरिकेडिंग के अभाव को जिम्मेदार ठहराया गया।
कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली पीठ ने इस घटना को चौंकाने वाला बताया। अदालत ने दिल्ली पुलिस के जांच अधिकारी और एमसीडी डिप्टी कमिश्नर को अगली सुनवाई पर अदालत में उपस्थित रहने का आदेश दिया है।
हाईकोर्ट ने कहा कि तस्वीरों को देखकर स्पष्ट होता है कि नालों की सफाई कई सालों से नहीं हुई है। इसके बदले मोटी रकम खर्च की जा रही है, लेकिन कोई जिम्मेदारी तय नहीं की जा रही है। अदालत ने एमसीडी को बिलों की जांच करने का आदेश दिया और कहा कि वरिष्ठ अधिकारी अपनी निगरानी की जिम्मेदारी निभाने में असफल रहे हैं। अदालत ने चेतावनी दी कि अगर स्थिति में सुधार नहीं हुआ, तो जिम्मेदार लोगों को निलंबित किया जाएगा।
एक जनहित याचिका दायर कर दोषी ठेकेदार के खिलाफ कार्रवाई और बाढ़ के उपायों सहित सभी चल रहे नाली निर्माण के ऑडिट की मांग की गई है। अदालत ने इस मामले को पांच अगस्त को सूचीबद्ध करने का आदेश दिया है।