दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी नेता मनीष सिसोदिया ने तिहाड़ जेल से चिट्ठी लिखी है। 15 मार्च को उन्होंने जेल से अपनी विधानसभा पटपड़गंज की जनता के नाम पत्र लिखा था, जिसमें कहा कि जल्द ही जेल से बाहर मिलेंगे. उन्होंने चिट्ठी में पत्नी सीमा का, आप संयोजक अरविंद केजरीवाल और शिक्षा क्रांति का जिक्र किया है। मनीष सिसोदिया ने लिखा कि पिछले एक साल में मुझे सबकी याद आई, सब ने बहुत ईमानदारी से मिलकर काम किया. जैसे आजादी के वक्त सब ने लड़ाई लड़ी, वैसे ही हम अच्छी शिक्षा और स्कूल के लिए लड़ रहे हैं.
मनीष सिसोदिया ने चार पन्नू की चिट्ठी में आगे लिखा कि अंग्रेजों की तानाशाही के बाद भी आजादी का सपना सच हुआ, वैसे ही एक दिन हर बच्चे को सही और अच्छी शिक्षा मिलेगी. अंग्रेजों को भी अपनी सत्ता का बहुत घमंड था, अंग्रेज भी झूठे आरोप लगाकर लोगों को जेल में बंद करते थे. अंग्रेजों ने कई सालों तक महात्मा गांधी को जेल में रखा, नेल्सन मंडेला को भी जेल में डाला. ये लोग मेरी प्रेरणा हैं और आप सब मेरी ताकत हैं. मनीष सिसोदिया ने इस चिट्ठी के जरिए अपने दिल के सारे जज्बात उड़ेल दिए हैं।
मनीष सिसोदिया ने लिखा बीजेपी पर हमला करते हुए लिखा कि अंग्रेजों को भी अपनी सट्टा का बहुत घमंड था अंग्रेज भी झूठे आरोप लगाकर लोगों को जेल में बंद करते थे। उन्होंने कहा की विकसित देश होने के लिए अच्छी शिक्षा और स्कूल का होना जरूरी है. मुझे खुशी है कि अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में दिल्ली में शिक्षा क्रांति आई. अब पंजाब में शिक्षा क्रांति की खबर पढ़कर सुकून मिलता है.
मनीष सिसोदिया ने कहा कि महात्मा गांधी भी काफी समय तक जेल में रहे थे और नेल्सन मंडेला को भी अंग्रेजों ने जेल में डाला था यह लोग मेरी प्रेरणा है और आप सब मेरी ताकत। अपनी विधानसभा के लोगों की ओर मुखातिब होते हुए लिखा कि जेल में रह कर मेरा प्यार आप लोगों के लिए और बढ़ा है, मेरी पत्नी का आप लोगों ने बहुत ध्यान रखा. सीमा आपकी सबकी बात करते हुए भावुक हो जाती हैं, आप सब अपना ख्याल रखिए. जल्द बाहर मिलेंगे, लव यू ऑल!