लद्दाख को छठी अनुसूची का दर्जा देने की मांग को लेकर दिल्ली तक मार्च करने वाले जलवायु कार्यकर्ता सोनम वांगचुक और लगभग 120 अन्य लोगों को दिल्ली पुलिस ने शहर की सीमा पर हिरासत में लिया। इस पर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। उन्होंने सवाल उठाया, “क्या दिल्ली किसी एक व्यक्ति की बपौती है?” केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली में आने से किसानों और लद्दाख के लोगों को रोका जा रहा है, जो पूरी तरह गलत है। उन्होंने यह भी कहा कि दिल्ली, जो देश की राजधानी है, में सभी का अधिकार है।
सोनम वांगचुक ने भी अपने अनुभव साझा करते हुए कहा कि उन्हें और अन्य पदयात्रियों को पुलिस द्वारा हिरासत में लिया गया है, जिसमें कई बुजुर्ग और महिलाएं शामिल हैं। उन्होंने इस स्थिति को लोकतंत्र के लिए शर्मनाक बताया और कहा कि वे बापू की समाधि की ओर शांति से मार्च निकाल रहे थे।
दिल्ली के मंत्री सौरभ भारद्वाज ने भी इस मुद्दे पर अपनी आवाज उठाई, कहा कि लोग सोनम वांगचुक जैसे व्यक्तियों से प्रेरित होते हैं, जिन्होंने देश को अपनी पूरी जिंदगी समर्पित की है। उन्होंने केंद्र सरकार पर आरोप लगाया कि उसने दिल्ली में कर्फ्यू लगा दिया है और लोगों को एकत्रित होने से रोकने का प्रयास कर रहा है।
दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि सरकार गैंगस्टरों को पकड़ने में नाकाम रही है, लेकिन सोनम वांगचुक जैसे लोगों को आतंकियों की तरह व्यवहार किया जा रहा है। उन्होंने इस पर चिंता जताई और सवाल किया कि सरकार क्यों संवेदनशील मुद्दों पर उठने वाले आवाजों को दबा रही है।