दिल्ली में लगातार हो रही बारिश से जलभराव की समस्या ने लोगों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। ओल्ड राजेंद्र नगर की कोचिंग सेंटर के बेसमेंट में हुए हादसे के बाद यह समस्या अब एक राजनीतिक मुद्दा बन गई है। इस मुद्दे पर दिल्ली सरकार और एमसीडी की तीखी आलोचना हो रही है। यहां तक कि दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना भी दिल्ली सरकार और एमसीडी पर हमलावर हो गए हैं।
रविवार को उपराज्यपाल ने दिल्ली के कुछ इलाकों का दौरा किया और नालों की गंदगी देख कर नाराज हो गए। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर तस्वीरें साझा करते हुए कहा, “आज मैंने बारापूला, कुशक और सुनेहरी नालों और निजामुद्दीन में बारामूला पुल का दौरा और निरीक्षण किया। जमीनी हकीकत भयावह और शर्मनाक है। बाढ़ को कम करने के लिए पानी के सुचारू प्रवाह को सुनिश्चित करने के लिए तत्काल सुधारात्मक उपाय करने की जरूरत है।”
एलजी सक्सेना ने लिखा कि ये तीन नाले I & FCD और MCD के अंतर्गत आते हैं। यह नाले बारिश के पानी को यमुना में ले जाते हैं, लेकिन दावों के बावजूद वर्षों से इनकी गाद और गंदगी नहीं निकाली गई है। बारापूला में पुलिया के नीचे 12 नालियों में से केवल 5, सुनहरी में 6 में से 3 और कुशक नालों में 7 में से 4 नालियां ही खुली हैं। बाकी नालियां पूरी तरह से बंद पड़ी हैं, जिससे पानी बहने की क्षमता काफी कम हो गई है। इसके परिणामस्वरूप कॉलोनियों में बैकफ्लो होता है और बाढ़ आ जाती है।
उन्होंने निर्देश दिया कि एक हफ्ते के भीतर बारापूला पर अतिक्रमण हटाकर पुल को उसकी मूल स्थिति में बहाल किया जाए। एलजी ने पोस्ट के साथ अटैच तस्वीरें भी साझा कीं जो संबंधित अधिकारियों और उनकी लीडरशिप की अपराधिक अपेक्षा और नासमझ उदासीनता की कहानी बताती हैं। अंत में उन्होंने कहा, “मैं दिल्ली और इसके लोगों के हित के लिए प्रतिबद्ध हूं।”
दिल्ली में नालों की सफाई और जल निकासी की समस्या को लेकर उपराज्यपाल का यह दौरा और बयान एक महत्वपूर्ण कदम है, जिससे इस समस्या के समाधान की उम्मीद बढ़ी है।