दिल्ली में गुरुवार को पूर्व बस मार्शलों ने अपनी नौकरी बहाली की मांग को लेकर उपराज्यपाल के आवास के सामने प्रदर्शन किया। इस प्रदर्शन में दिल्ली के कैबिनेट मंत्री सौरभ भारद्वाज, इमरान हुसैन, मुकेश अहलावत और अन्य आप विधायकों ने भी भाग लिया। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए सख्त कार्रवाई की, जिसके तहत भारद्वाज समेत कुछ नेताओं को हिरासत में भी लिया गया। पुलिस के अनुसार, प्रदर्शन के लिए अनुमति नहीं ली गई थी।
सौरभ भारद्वाज ने मार्शलों की समस्या के समाधान में हो रही देरी की आलोचना करते हुए कहा कि उन्हें राजनीतिक खींचतान का शिकार नहीं बनाया जाना चाहिए। उन्होंने कहा, “हम इन बस मार्शलों के साथ हैं और उनकी मांगों का समर्थन करते हैं। अब हम भाजपा से भी उम्मीद करते हैं कि वे इस मामले में अपना रुख स्पष्ट करें।”
गुरुवार को होने वाली एलजी और विधायकों की प्रस्तावित बैठक भी नहीं हो सकी, जिसके बाद आम आदमी पार्टी ने एलजी कार्यालय पर इस मुद्दे को नजरअंदाज करने का आरोप लगाया। भारद्वाज ने कहा कि उन्होंने एलजी को पत्र लिखकर समय मांगा था, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला। आप नेताओं का आरोप है कि भाजपा और एलजी इस मुद्दे को लेकर ‘राजनीतिक खेल’ खेल रहे हैं और मार्शलों की समस्याओं का हल निकालने में देरी कर रहे हैं।
विपक्ष के नेता विजेंद्र गुप्ता ने आप पर जनता को गुमराह करने का आरोप लगाया और कहा कि जब आप ने 3 अक्टूबर को एलजी से मिलने का प्रस्ताव रखा था, तो उन्होंने समय क्यों नहीं मांगा?
इस मुद्दे पर आप और भाजपा के बीच राजनीतिक तकरार जारी है, जबकि पूर्व बस मार्शल अपनी नौकरी की बहाली के लिए संघर्ष कर रहे हैं।