मॉनसून के जाते ही दिल्ली में प्रदूषण का स्तर फिर से बढ़ने लगा है। आज राजधानी दिल्ली में औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 181 दर्ज किया गया, जो कि मध्यम श्रेणी में आता है। कल (3 अक्टूबर) को 24 घंटे का औसत AQI 162 था। यह बढ़ता स्तर सर्दियों में होने वाली एक बड़ी समस्या की शुरुआत का संकेत दे रहा है।
एनसीआर के कई इलाकों में पहले से ही प्रदूषण का स्तर खतरनाक हो चुका है। दिल्ली-गाजियाबाद सीमा पर स्थित आनंद विहार में 3 अक्टूबर की रात 9 बजे 24 घंटे का औसत AQI 389 था, जो आज सुबह 8 बजे तक 399 तक पहुंच गया। यह स्तर 300 से ऊपर होने के कारण ‘बहुत खराब’ श्रेणी में आता है और धीरे-धीरे ‘गंभीर’ स्थिति की ओर बढ़ रहा है। मुंडका, द्वारका और वजीरपुर जैसे क्षेत्रों में AQI 200 से ऊपर है, जो ‘खराब’ श्रेणी में आता है।
इस बढ़ते प्रदूषण का मुख्य कारण शुष्क परिस्थितियां और पछुआ हवाएं हैं, जो हवा की गुणवत्ता को और बिगाड़ रही हैं। धूल के कण, जिन्हें पीएम10 के रूप में मापा जाता है, फिलहाल दिल्ली में प्रदूषण का मुख्य स्रोत हैं। दिल्ली के आसपास के क्षेत्रों जैसे गाजियाबाद और नोएडा में भी प्रदूषण का स्तर उच्च है। गाजियाबाद में औसत AQI 224 और नोएडा में 216 दर्ज किया गया, जो दिल्ली के औसत से अधिक है।
हालांकि, गुरुग्राम और फरीदाबाद में स्थिति कुछ बेहतर है। गुरुग्राम में आज सुबह AQI 99 था, जबकि फरीदाबाद में 109 दर्ज किया गया।