अपराध शाखा के अंतर-राज्य सेल को ऐसे अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई लागू करने के लिए अपराधियों और पैरोल जंपर्स को पकड़ने का काम सौंपा गया है। एचसी आशीष कुमार द्वारा पीएस केशव पुरम, में आईपीसी की धारा के तहत दोहरे हत्याकांड में दोषी पैरोल जम्पर विजय कुमार के ठिकाने के बारे में जानकारी मिलने पर, इंस्पेक्टर पंकज मलिक और रोहित कुमार के नेतृत्व में टीम बनाई गई। आरोपी विजय कुमार, जिसे आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी, बता दें, 07.04.2023 को पैरोल खत्म होने के बाद से छिप रहा था। इसी के मद्देनजर एएसआई मुकेश कुमार, एचसी आशीष कुमार, सीटीएस दिनेश कुमार और रविंदर की टीम ने विजय कुमार की गतिविधियों पर नज़र रखी और उसे राजस्थान के अलवर से पकड़ लिया गया और वापस तिहाड़ जेल भेज दिया गया है।
आपको बता दें आरोपी विजय कुमार एक निम्न-मध्यम वर्गीय परिवार से है और उसने स्थानीय सरकारी स्कूल में 12वीं कक्षा तक पढ़ाई की। अपने परिवार का भरण-पोषण करने के लिए वह मजदूरी का काम करने लगा। फरवरी 2002 में, एक पारिवारिक झगड़े के बाद, विजय कुमार ने अपने साथी नरेंद्र उर्फ पुप्पू सिंह और अन्य के साथ मिलकर अपने ही गांव के ट्रक ड्राइवर प्रेम और उसके सहायक संजय की गला घोंटकर हत्या कर दी थी। हत्या का मामला दिल्ली के पीएस केशव पुरम में आईपीसी की धारा के तहत दर्ज किया गया था। 30.03.2010 को विजय कुमार को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई। वह गिरफ्तारी से बचने के लिए लगातार ठिकाने बदलता रहा और हाल ही में अलवर, राजस्थान जाने से पहले पलवल में रहता था, जहां वह एक मजदूर के रूप में काम करता था। तकनीकी निगरानी की सहायता से अपराध शाखा टीम ने उसे पकड़ लिया।