दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष वीरेन्द्र सचदेवा ने दिल्ली में जलभराव और सीवर सफाई के मुद्दे पर सरकार की आलोचना की है। उनका कहना है कि पिछले दो-तीन वर्षों में दिल्ली की सीवर व्यवस्था और बरसाती पानी की निकासी पूरी तरह से चरमरा गई है। हल्की बारिश में भी दिल्ली की सड़कों पर जलभराव हो जाता है।
सचदेवा ने बताया कि 1998 के बाद से बीजेपी दिल्ली में सत्ता में नहीं है, लेकिन पार्टी ने नगर निगम के माध्यम से लोक सेवा में योगदान दिया। छोटे नालों और कालोनियों की नालियों की सफाई उनके कार्यकाल के दौरान अच्छे से की जाती थी, लेकिन पिछले दो वर्षों से मुख्य मार्गों और कालोनियों की गलियों में जलभराव की समस्या बनी हुई है।
उन्होंने कहा कि विधायक मोहन सिंह बिष्ट, दिल्ली नगर निगम में नेता प्रतिपक्ष सरदार राजा इकबाल सिंह, वरिष्ठ निगम पार्षद संदीप कपूर और प्रदेश मीडिया प्रमुख प्रवीण शंकर कपूर की एक आंतरिक कमेटी का गठन किया गया था, जिन्होंने पिछले दो वर्षों से बढ़े जलभराव के कारणों की जांच की। इस कमेटी ने 20 जून 2024 को रिपोर्ट दी थी कि नालों और नालियों की डिसिल्टिंग का काम न तो दिल्ली सरकार का कोई विभाग कर रहा है और न ही दिल्ली नगर निगम अपनी जिम्मेदारियों को निभा रहा है।
सचदेवा ने आरोप लगाया कि दिल्ली सरकार ने मानसून के लिए कोई तैयारी नहीं की और बयानबाजी में व्यस्त रही। 28 जून 2024 की पहली बरसात के बाद से जलभराव की स्थिति लगातार बनी हुई है। प्रमुख चौराहे, जैसे आईटीओ, 10 मिनट की बारिश से जलमग्न हो जाते हैं।
सचदेवा ने कहा कि दिल्ली में सीवर सफाई के लिए चार प्रमुख संस्थान – सिंचाई विभाग, लोक निर्माण विभाग, दिल्ली जल बोर्ड और दिल्ली नगर निगम जिम्मेदार हैं। लेकिन सिंचाई विभाग, लोक निर्माण विभाग और दिल्ली जल बोर्ड के ट्रक भी नाला गाद को लैंडफिल साइट पर नहीं डाल रहे हैं, जिससे साफ है कि सफाई का काम नहीं हो रहा है। दिल्ली नगर निगम ने कुछ नालियों की सफाई की है, लेकिन इसके ट्रक भलस्वा लैंडफिल साइट तक ही पहुंचे हैं।