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भलस्वा डेयरी के अवैध निर्माणों पर ध्वस्तीकरण की प्रक्रिया: कोर्ट की सख्त टिप्पणी

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दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) ने मंगलवार को दिल्ली हाई कोर्ट में सूचित किया कि भलस्वा डेयरी कॉलोनी में अवैध निर्माणों के ध्वस्तीकरण की कार्रवाई 16 अगस्त तक स्थगित की जाएगी। इस मामले पर अगली सुनवाई 16 अगस्त को होगी।

यह जानकारी एमसीडी द्वारा तब दी गई जब भलस्वा डेयरी कॉलोनी के निवासियों के वकील ने कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली पीठ के सामने मामले का उल्लेख किया। निवासियों के वकील ने कोर्ट को सूचित किया कि एमसीडी भारी पुलिस बल के साथ ध्वस्तीकरण की कार्रवाई के लिए पहुंची थी।

इससे पहले, अदालत ने अधिकारियों को राष्ट्रीय राजधानी की सभी डेयरी कॉलोनियों से अनधिकृत निर्माण हटाने का निर्देश दिया था, और भलस्वा से घोघा डेयरी कॉलोनी में डेयरियों को चार सप्ताह के भीतर स्थानांतरित करने के लिए कदम उठाने का आदेश दिया था।

मंगलवार की सुनवाई के दौरान, जब निवासियों के वकील ने इलाके में हाल ही में हुई चार मौतों का जिक्र किया, तो अदालत ने इस पर नाराजगी जताई और इसे गलत तर्क करार दिया। पीठ ने कहा कि इन मौतों को एमसीडी की कार्रवाई से जोड़ना अनुचित है और इस प्रकार की टिप्पणियाँ अदालत की प्रतिष्ठा को ठेस पहुंचाने के लिए की जा रही हैं। अदालत ने वकील को चेतावनी दी कि इस मामले का राजनीतिकरण न करें और मामले में भावनाएं न लाते हुए शहर के हित में सोचें।

एमसीडी ने भलस्वा क्षेत्र में 800 अवैध ढांचों की पहचान की है और इनमें से 400 से अधिक डेयरियों को दिल्ली के बाहरी इलाके में स्थित घोघा डेयरी में स्थानांतरित करने की योजना बनाई है। एमसीडी ने एक सार्वजनिक नोटिस जारी कर अतिक्रमणकारियों को तीन दिन के भीतर अपने अवैध ढांचों को खाली करने का अल्टीमेटम दिया है।

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