आम आदमी पार्टी के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को कोर्ट ने एक बार फिर बड़ा झटका दिया है। शराब नीति केस में सोमवार को अदालत से राहत नहीं मिली. CBI की ओर दर्ज मामले में राउज एवेन्यू कोर्ट ने उनकी न्यायिक हिरासत की अवधि 22 जुलाई तक के लिए बढ़ा दी है. सुनवाई के दौरान सिसोदिया और अन्य आरोपियों को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कोर्ट में पेश किया गया।
स्पेशल जज कावेरी बावेजा ने सिसोदिया की ओर से पेश हुए एडवोकेट नितेश राणा की दलीलें सुनने के बाद मामले को 22 जुलाई तक के लिए स्थगित कर दिया। अदालत ने सीबीआई से जुड़े इस मामले में सुनवाई के बाद जमानत देने से इनकार कर दिया. अब इस मामले पर अगली सुनवाई 22 जुलाई को होगी.
इससे पहले आप नेता ने निचली अदालत के 30 अप्रैल 2024 के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी. शीर्ष अदालत ने भी साल 2021-22 में निर्मित दिल्ली आबकारी नीति के निर्माण और क्रियान्वयन मामले को लेकर दायर उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी थी.
इससे पहले 11 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट में मनीष सिसोदिया के जमानत की पुनर्विचार याचिका पर सुनवाई से ठीक पहले जस्टिस संजय कुमार ने बेंच से खुद को अलग कर दिया, जिसके बाद सुनवाई टल गई थी। बत दें, दिल्ली आबकारी नीति मामले में सीबीआई ने पूर्व उपमुख्यमंत्री रहे मनीष सिसोदिया से घंटों तक पूछताछ के बाद 26 फरवरी 2026 को गिरफ्तार किया था. उसके बाद से मनीष सिसोदिया को अभी तक जमानत नहीं मिली है. सीबीआई की गिरफ्तारी के बाद मार्च, 2023 में ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में मनीष सिसोदिया को गिरफ्तार किया था.