दिल्ली आबकारी नीति घोटाला मामले में भ्रष्टाचार और मनी लांड्रिंग के आरोपों का सामना कर रहे दिल्ली के पूर्व उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को अपना निर्णय सुनाया। सिसोदिया ने सीबीआई और ईडी दोनों मामलों में सुप्रीम कोर्ट से जमानत की मांग की थी।
सुप्रीम कोर्ट ने छह अगस्त को उनकी जमानत याचिका पर सुनवाई पूरी करने के बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। सिसोदिया ने जमानत की मांग करते हुए तर्क दिया कि वे पिछले 17 महीनों से जेल में हैं और अभी तक केस का ट्रायल भी शुरू नहीं हुआ है। उनके खिलाफ कोई ठोस सबूत भी नहीं मिला है, इसलिए उन्हें जमानत दी जानी चाहिए।
वहीं, सीबीआई और ईडी ने उनकी जमानत याचिका का विरोध किया था, यह कहते हुए कि ट्रायल में देरी के लिए सिसोदिया स्वयं जिम्मेदार हैं। मनीष सिसोदिया को 26 फरवरी से हिरासत में रखा गया है, जब सीबीआई ने उन्हें गिरफ्तार किया था। इसके बाद, नौ मार्च को ईडी ने भी मनी लांड्रिंग के आरोपों में उन्हें गिरफ्तार कर लिया था। लेकिन आज यानी की 9 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने मनीष सिसोदिया को रिहा करने का फैसला सुनाया।