New Delhi: Security personnel stand guard near a UPSC exam coaching centre after three civil services aspirants died when the basement of the coaching centre was flooded following heavy rain, in New Delhi, Sunday, July 28, 2024. (PTI Photo/Kamal Singh)(PTI07_28_2024_000041B)
राजधानी दिल्ली के राजेंद्र नगर कोचिंग हादसे के बाद उच्चस्तरीय जांच करवाने की मांग वाली याचिका पर 13 जुलाई बुधवार को हाई कोर्ट में सुनवाई की गई। इस दौरान दिल्ली हाई कोर्ट ने सख्ती दिखाते हुए कहा कि सभी संबंधित विभाग एक-दूसरे पर जिम्मेदारी डालने में लगे हुए हैं। क्या एमसीडी के अधिकारियों की भूमिका की जांच पुलिस कर रही है?
इस दौरान हाई कोर्ट के कार्यकारी चीफ जस्टिस मनमोहन और जस्टिस तुषार राव गेडेला ने आदेश दिया कि इस मामले में दिल्ली पुलिस कल रिपोर्ट दाखिल करे। एमसीडी कमिश्नर भी सुनवाई के दौरान व्यक्तिगत रूप से मौजूद रहें। पुलिस के जांच अधिकारी और डीसीपी भी कोर्ट में उपस्थित हों। ड्रेन सिस्टम के ऊपर जो भी अतिक्रमण है, उसे तुरंत हटाया जाए।
सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि ऐसा लगता है कि हम जंगल में रह रहे हैं। नियमों के अनुसार, एमसीडी और अन्य विभागों को अवैध निर्माण या सुरक्षा नियमों की अनदेखी के मामलों में तुरंत कार्रवाई करनी चाहिए। क्या उन्हें कहीं भी अनियमितता नहीं दिखती?
जज ने कहा, “यह बेसमेंट कैसे बने? उनकी अनुमति किस इंजीनियर ने दी? उनसे पानी निकालने का क्या इंतजाम किया गया? जो भी लोग इस मामले में जिम्मेदार हैं, क्या वे बच जाएंगे? इसकी जांच कौन करेगा? क्या एमसीडी का कोई अधिकारी अब तक जेल गया है? सिर्फ वहां से गुजर रहे एक कार वाले को पकड़ लिया गया। इस तरह से जिम्मेदारी तय नहीं हो सकती। यह सुनिश्चित किया जाए कि ऐसी घटनाएं दोबारा न हों।” अब शुक्रवार को 2:30 बजे फिर से सुनवाई होगी।
वकील ने कहा, “एक छात्र ने राजेंद्र नगर बेसमेंट में चल रहे कोचिंग संस्थानों की शिकायत की थी। दो बार रिमाइंडर भी भेजे गए थे, लेकिन शिकायत पर कोई कार्रवाई नहीं हुई।” उन्होंने मांग की “मामले की उच्चस्तरीय जांच होनी चाहिए। यह भी देखा जाए कि शिकायत पर क्या कार्रवाई की गई? क्या शिकायत की जांच के लिए किसी अधिकारी को नियुक्त किया गया था?