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लद्दाख को पूर्ण राज्य का दर्जा और छठी अनुसूची में शामिल करने की मांग को लेकर सोनम वांगचुक का आंदोलन

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Leh, Mar 06 (ANI): Reformist Sonam Wangchuk along with Leh Apex Body (LAB) and Kargil Democratic Alliance (KDA) leaders and supporters start a hunger strike as a protest demanding statehood for Ladakh, its inclusion in the 6th Schedule of the Constitution, restoration of statehood and separate Lok Sabha seats for Leh and Kargil districts, on Wednesday. (ANI Photo)

लद्दाख की प्रमुख मांगें आज भी पूरी नहीं हुई हैं, जिसके लिए सोशल एक्टिविस्ट सोनम वांगचुक और अन्य आंदोलनकारी लगातार संघर्ष कर रहे हैं। हाल ही में, वे इन मांगों को लेकर दिल्ली तक प्रोटेस्ट करने आए।

1. लद्दाख को पूर्ण राज्य का दर्जा:
2019 में जम्मू और कश्मीर से अलग होकर लद्दाख को केंद्र शासित प्रदेश बनाया गया था। इसके बाद से वहां के लोग लद्दाख को पूर्ण राज्य का दर्जा देने की मांग कर रहे हैं। वांगचुक और उनके समर्थक इस बात पर जोर दे रहे हैं कि राज्य का दर्जा मिलने से स्थानीय लोगों को अपनी समस्याओं का समाधान करने में अधिक स्वायत्तता और शक्ति मिलेगी।

2. छठी अनुसूची में शामिल करना:
लद्दाख के लोग संविधान की छठी अनुसूची में अपने क्षेत्र को शामिल करने की मांग कर रहे हैं। यह अनुसूची आदिवासी क्षेत्रों के अधिकारों की रक्षा करती है और लद्दाख की नाजुक पर्यावरणीय स्थिति को देखते हुए इसे बहुत जरूरी समझा जा रहा है। इस कदम से स्थानीय संस्कृति और पारंपरिक जीवनशैली को संवैधानिक संरक्षण मिल सकेगा।

इन दो मुख्य मांगों के साथ-साथ अन्य मुद्दों पर भी आंदोलन हो रहा है, जैसे लद्दाख के लिए लोक सेवा आयोग की स्थापना और लेह तथा कारगिल जिलों के लिए अलग-अलग लोकसभा सीटें निर्धारित करना।

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