केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सोमवार को वामपंथी उग्रवाद प्रभावित राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की। इस बैठक में उन्होंने कहा कि नक्सलवाद को खत्म करने के लिए अंतिम चरण की कार्रवाई की जा रही है और 2026 तक नक्सलवाद का पूरी तरह से खात्मा कर दिया जाएगा। शाह ने जोर देकर कहा कि अगर देश के हर नागरिक तक विकास पहुंचाना है तो नक्सलवाद को खत्म करना जरूरी है।
बैठक में बिहार, छत्तीसगढ़, तेलंगाना, ओडिशा, महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मौजूद थे, जबकि आंध्र प्रदेश और झारखंड के प्रतिनिधियों के रूप में उनके मंत्रियों ने भाग लिया। शाह ने नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में कानून व्यवस्था को सख्ती से लागू करने की आवश्यकता पर बल दिया।
अमित शाह ने छत्तीसगढ़ की सरकार और उसकी टीम को विशेष बधाई दी, जिन्होंने अगस्त से अब तक 194 नक्सलियों को समाप्त किया है। उन्होंने युवाओं से अपील की कि वे हिंसा का रास्ता छोड़कर मुख्यधारा में शामिल हों। उन्होंने यह भी कहा कि नक्सलवाद से किसी का भला नहीं होने वाला है और इस समस्या के समाधान के लिए संयुक्त विकास प्रयासों को बढ़ावा देना आवश्यक है।
गृह मंत्री के अनुसार, नक्सली हिंसा की घटनाओं में 53% की कमी आई है और नक्सल प्रभावित जिलों की संख्या 96 से घटकर 42 रह गई है। इनमें से केवल 16 जिले ही अब गंभीर रूप से प्रभावित हैं। छत्तीसगढ़ की सफलता को बाकी राज्यों के लिए प्रेरणा बताया गया, और विशेष अभियान की सराहना की गई, जिसके तहत कुछ गांवों ने 30 साल बाद पहली बार मतदान किया है।
शाह ने बताया कि सुरक्षा बलों और NIA के साथ मिलकर नक्सलियों के वित्तपोषण को रोकने के लिए आक्रामक रणनीति अपनाई गई है, और सभी राज्यों से NIA की टीम को प्रशिक्षण के लिए आमंत्रित करने का आग्रह किया।