पिछले कई महीनों से चल रहे किसान आंदोलन का अभी तक कोई निर्णय नहीं निकला है जिसकी वजह से किसानों का धरना पदर्शन दिल्ली की कई सीमाओं में जारी है और अपनी हक़ की लड़ाई के लिए किसानो ने अपने आंदोलन को और आगे बी बढ़ाने का सोचा है। बता दें कि आंदोलन व आतंकी हमले की आशंका को देखते हुए संसद भवन की सड़क से लेकर आसमान तक सुरक्षा व्यवस्था की गई है। मानसून सत्र के दौरान संसद की 24 घंटे सुरक्षा व्यवस्था रहेगी। संसद की कई स्तरों में सुरक्षा की गई है।
दूसरी तरफ नई दिल्ली जिला पुलिस को सख्त आदेश दिए गए हैं कि नई दिल्ली इलाके में कोई भी ट्रैक्टर किसी भी सूरत में प्रवेश न करने पाए। संसद के मानसून सत्र के पहले दिल्ली दिल्ली पुलिस के सीनियर पुलिस अधिकारी दिनभर संसद के आसपास गश्त करते हुए नजर आए। किसानों ने मंगलवार को संसद की ओर मार्च करने का ऐलान किया है।
दिल्ली पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि मानसून सत्र के दौरान संसद के बाहर किसानों द्वारा प्रस्तावित विरोध प्रदर्शन से निपटने के लिए दिल्ली पुलिस ने पूरी तैयारी कर ली है।
प्रस्तावित प्रदर्शन को टालने के लिए रविवार को किसान संगठनों को मनाने की दिल्ली पुलिस की कोशिश नाकाम रही थी। किसानों को प्रदर्शन के लिए वैकल्पिक स्थान देने की कोशिश भी की गई थी, मगर किसान नहीं माने। ऐसे में किसानों की 26 जनवरी को की गई हिंसा को देखते हुए दिल्ली पुलिस की चिंता बढ़ गई है।
नई दिल्ली जिला डीसीपी दीपक यादव ने कहा कि पुलिस ने संसद में सुरक्षा की पूरी व्यवस्था की है। यहां की सुरक्षा हमारी प्राथमितका रहेगी। ड्रोन हमले के लिए खतरे को ध्यान में रखते हुए संसद के चारों और मल्टी लेयर सिक्यूरिटी का इंतजाम किया गया है।
उन्होंने बताया कि डीडीएमए के दिशानिर्देशों के तहत राजनीतिक व धार्मिक सार्वजनिक सभाओं पर प्रतिबंध है। अलग आदेश जारी कर धारा 144 भी लगाई हुई है। ऐसे में ज्यादा लोगों को एक जगह एकत्रित नहीं होने दिया जाएगा।