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ED नहीं फिर भेजा CM केजरीवाल को नोटिस, नए सामान का जल बोर्ड से क्या है कनेक्शन?

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दिल्ली के राष्ट्रीय संयोजक और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की मुसीबतें कम होने का नाम नहीं ले रही है। सीएम केजरीवाल आज भी प्रवर्तन निदेशालय के सामने पेश नहीं होंगे. आम आदमी पार्टी की तरफ से कहा गया है कि जब कोर्ट से जमानत मिल चुकी है तो ईडी बार-बार समन क्यों भेज रही है. AAP ने कहा है कि ED का समन गैरकानूनी है. उन्होंने भारतीय जनता पार्टी पर सवाल उठाते हुए कहा है कि बीजेपी ED के पीछे छुपकर चुनाव क्यों लड़ना चाहती है. माही जल बोर्ड से जुड़े मामले में इंजरी सामान पर प्रतिक्रिया देते हुए दिल्ली सरकार में मंत्री आतिश ने कहा कि कोई नहीं जानता कि बीजेपी का यह मामला किस चीज को लेकर है।

उन्होंने कहा – यह किसी भी तरह केजरीवाल को गिरफ्तार करनी और उन्हें लोकसभा चुनाव के लिए प्रचार करने से रोकने की एक वैकल्पिक योजना लगती है। कि दिल्ली पुलिस ने इसे लेकर तैयारी कर ली थी कि अगर सीएम केजरीवाल ED के सामने पेश होते तो आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ता बड़ी तादाद में BJP दफ्तर के सामने प्रदर्शन कर सकते थे. इसे देखते हुए दिल्ली पुलिस अलर्ट मोड पर थी. वहीं सीएम केजरीवाल को इस मामले में नया समाचाररी कर उन्हें 21 मार्च को पूछताछ के लिए बुलाया गया है।

डीजेबी मामले में ईडी ने आरोप लगाया है कि दिल्ली सरकार के इस विभाग की एक ठेके के बदले लिया गया ‘रिश्वत का पैसा’ आम आदमी पार्टी को चुनावी कोष के रूप में दिया गया था। दिल्ली की एंटी करप्शन ब्रांच को मिली शिकायत के मुताबिक, दिल्ली जल बोर्ड ने कॉर्पोरेशन बैंक (Corporation Bank) को अपने उपभोक्ताओं के बिल कलेक्शन का जिम्मा दिया था. इसके लिए बैंक से साल 2012 में 3 साल के लिए अनुबंध किया गया. बाद में इसे साल 2016, फिर 2017 और 2019 तक के लिए बढ़ा दिया गया. उपभोक्ताओं के कैश और चेक के लिए जल बोर्ड के ही स्थानीय दफ्तरों में ई-क्योस्क मशीनें लगाई गईं ताकि उपभोक्ता अपने-अपने पानी के बिलों का भुगतान जमा करा सकें. ईडी ने कहा कि ठेके का मूल्य 38 करोड रुपए था और इस पर सिर्फ 17 करोड रुपए खर्च किए गए और बाकी रुपयों का विभिन्न फर्जी खर्चों की आड़ में गबन कर लिया गया।

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