बाहरी दिल्ली के नरेला में मंगलवार की शाम विपरीत दिशा से आ रहे एक टेंपो चालक ने साइकिल सवार एक युवक को रौंद दिया। जिससे युवक की मौत हो गई। युवक की पहचान 40 वर्षीय संजय पंडित के रूप में हुई है। खून से लथपथ घायल को पास के ही राजा हरिश्चंद्र अस्पताल में पहुंचाने वाले युवक का आरोप है कि समय रहते डाक्टर ने मरीज का इलाज शुरू नहीं किया। युवक ने इसकी शिकायत पुलिस कंट्रोल रूम से भी की है। फिर युवक पूरी रात अस्पताल के बाहर अपने साथियों के साथ डाक्टर के खिलाफ धरना-प्रदर्शन पर बैठ गए।
जानकारी के मुताबिक, मृतक नरेश पंडित नरेला स्थित पाना पापोसिया में किराये के मकान में रहता था। नरेला औद्योगिक क्षेत्र में एक फैक्ट्री में नौकरी करता था। परिवार में पत्नी व चार बच्चे हैं। रविश भारद्वाज ने बताया कि मंगलवार की शाम वह नरेला स्थित बाबा रामदेव चौक से अपनी जीप से राजा हरिश्चंद्र अस्पताल की ओर आ रहे थे। तभी देखा कि विपरीत दिशा से आ रहे तेज रफ्तार टेंपो ने साइकिल सवार एक युवक को रौंद दिया। तुरंत अपनी जीप से उतरकर देखा तो घायल के शरीर से काफी खून बह रहा था। अपने साथियों की मदद से घायल को उठाकर जीप में रखकर पास के ही राजा हरिश्चंद्र अस्पताल लेकर पहुंचे। इमरजेंसी में जाते ही अस्पताल कर्मचारियों से स्ट्रेचर के बारे में पूछा, किसी ने कोई जानकारी नहीं दी। खुद ही स्ट्रेचर तलाश कर मरीज को इमरजेंसी वार्ड में ले गया।
रवीश का कहना है कि इस दौरान मैं कई बार डाक्टर से घायल को देखने के लिए आग्रह करता रहा, लेकिन डाक्टर मरीज का इलाज करने के बजाय वह मुझसे बहस में करीब 10 से 15 मिनट खराब कर दिए। इलाज के अभाव में घायल ने दम तोड़ दिया। रवीश का कहना है कि उन्होंने पुलिस के सामने बयान दिया है कि डाक्टर की लापरवाही से घायल की मौत हुई है। फिलहाल इस पूरे मामले में पुलिस जांच कर रही है।