पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता में एक महिला डॉक्टर की दर्दनाक हत्या के खिलाफ बुधवार को दिल्ली के मौलाना आजाद मेडिकल कॉलेज के डॉक्टरों ने एकजुटता दिखाते हुए एक दिन की भूख हड़ताल शुरू की।
इस दौरान, गुरु तेग बहादुर (जीटीबी) अस्पताल के डॉक्टर भी काली पट्टियां बांधकर इस प्रदर्शन में शामिल हुए। साथ ही, एम्स-दिल्ली के रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन (आरडीए) ने शाम 6 बजे जेएलएन स्टेडियम में कैंडल मार्च आयोजित करने की घोषणा की है।
कोलकाता में, सात जूनियर डॉक्टर 5 अक्टूबर की रात से आमरण अनशन पर हैं, जिन्हें कई वरिष्ठ डॉक्टरों का समर्थन प्राप्त है। आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के लगभग 50 वरिष्ठ डॉक्टरों ने इस मामले में अपने पद से इस्तीफा देने का फैसला किया है, जो कि जूनियर डॉक्टरों के साथ एकजुटता दिखाने के लिए उठाया गया कदम है।
इन वरिष्ठ डॉक्टरों ने यह निर्णय अस्पताल के विभिन्न विभागों के प्रमुखों की बैठक में लिया। एक वरिष्ठ डॉक्टर ने बताया, “हमारे अस्पताल के सभी 50 वरिष्ठ डॉक्टरों ने सामूहिक रूप से इस्तीफे पर हस्ताक्षर करने का फैसला किया है। यह कदम उन युवा डॉक्टरों के प्रति हमारी एकजुटता का प्रतीक है, जो एक महत्वपूर्ण मुद्दे के लिए संघर्ष कर रहे हैं।”
इसी बीच, आरजी कर मेडिकल कॉलेज की पीड़िता के माता-पिता भी मंगलवार शाम को धरने पर बैठे। पहले यह बताया गया था कि वे बुधवार से (षष्ठी से दशमी) तक धरने पर बैठेंगे, लेकिन मंगलवार की शाम को उन्होंने अपने घर के सामने मंच पर बैठने का निर्णय लिया। पीड़िता के माता-पिता ने कहा, “हम घर में रह नहीं पा रहे हैं।”