कोलकाता में महिला चिकित्सक के साथ दुष्कर्म और हत्या के मामले में, दिल्ली के अस्पतालों में विरोध प्रदर्शन लगातार जारी है। यमुनापार क्षेत्र के सरकारी अस्पतालों के रेजिडेंट डॉक्टरों ने शुक्रवार को पांचवें दिन भी हड़ताल की, जिससे ओपीडी और ऑपरेशन थिएटर जैसी आवश्यक सेवाएं बाधित रहीं। इमरजेंसी सेवाओं को छोड़कर बाकी सभी सेवाएं ठप रहीं, जिससे मरीजों को गंभीर कठिनाइयों का सामना करना पड़ा।
स्वामी दयानंद अस्पताल की ओपीडी में शुक्रवार को सन्नाटा पसरा रहा, जबकि जीटीबी अस्पताल की ओपीडी के गेट पर ताला लटका मिला। मरीज, जिनमें से कई दूर-दराज से आए थे, अस्पताल के बाहर इलाज के लिए भटकते रहे। हापुड़ से आईं सुनीता, जो घुटनों में गांठ की समस्या से पीड़ित हैं, ने बताया कि पिछले डेढ़ महीने से इलाज के लिए जांच में ही समय बीत रहा है। अस्पताल में बार-बार आना उनके लिए बेहद मुश्किल हो गया है।
इसी तरह, गाजियाबाद से अपने 16 वर्षीय साले के इलाज के लिए आए नफीस ने बताया कि उनके साले के पैरों की नसें ब्लॉक हो गई हैं, लेकिन हड़ताल के कारण उन्हें बिना उचित इलाज के वापस भेज दिया गया। उन्होंने बताया कि इमरजेंसी में मरीज को देखा गया, लेकिन भर्ती करने से साफ मना कर दिया गया।
इस मामले में सरकारी अस्पतालों के रेजिडेंट डॉक्टरों का गुस्सा कम होता नहीं दिख रहा है। शुक्रवार को यमुनापार के छह सरकारी अस्पतालों के डॉक्टरों ने पोस्टर और बैनर के साथ विरोध मार्च निकाला, जिससे स्थिति और भी तनावपूर्ण हो गई है।