दिल्ली हाईकोर्ट ने आम आदमी पार्टी की राज्यसभा सदस्य स्वाति मालीवाल से मारपीट मामले में अरविंद केजरीवाल के निजी सचिव बिभव कुमार की जमानत याचिका खारिज कर दी है. कोर्ट का कहना है कि गवाहों को प्रभावित करने और सबूतों से छेड़छाड़ की आशंका है. साथ ही उनकी जमानत के लिए कोई आधार नहीं बनाया गया है। बिभव कुमार ने हाईकोर्ट में जमानत याचिका दायर की थी. इसमें उन्होंने अपनी गिरफ्तारी को भी चुनौती दी है.
बता दें, जस्टिस अनूप कुमार मेहंदी रतनी शुक्रवार को कुमार की जमानत अर्जी हरीश करते हुए कहा कि उन्हें राहत देने के लिए कोई उचित आधार नहीं है। 10 जुलाई बुधवार को याचिका पर सुनवाई हुई और कोर्ट ने दोनों पक्षों को सुना. इसके बाद कोर्ट ने याचिका पर फैसला सुरक्षित रख लिया और कहा कि वह अपना फैसला शुक्रवार 12 जुलाई को सुनाएगा. अब अदालत ने उनकी जमानत याचिका का खारिज कर दिया है. निचली अदालत ने विभव कुमार के जमानत याचिका दो बार खरीफ की थी पहले अदालत ने 27 में को और फिर 7 जून को उन्हें जमाना देने से इनकार कर दिया था।
वैभव कुमार के खिलाफ 16 में को आपराधिक धमकी देने हमला करने या महिला का वस्त्र हरण करने की मंशा से आपराधिक बल का प्रयोग वायर इरादतन हत्या की कोशिश सहित भारतीय दंड संहिता के विभिन्न धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज की गई थी। वहीं , 10 जुलाई को हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान स्वाति मालीवाल के वकील ने कहा कि एफआईआर दर्ज होने के कुछ दिन बाद 2 क्लिप जारी की गई थीं. और कमरे में कोई और नहीं था. एक क्लिप में वह पुलिस अधिकारी से किसी तरह की बहस करती हुई दिखाई दे रही हैं. इस पर कोर्ट ने कहा कि आप कैसे कह सकते हैं कि इसमें (क्लिप) छेड़छाड़ की गई है? इसके जवाब में मालीवाल के वकील ने कहा कि क्योंकि क्लिप में कुछ संकेत हैं जो दिखाते हैं कि उन्हें बदला गया है. फिलहाल इसकी जांच चल रही है