नवरात्र में व्रत के चलते फलों के दाम तो थोड़ा बढ़े हैं, लेकिन सब्जियों की कीमतों में जबरदस्त उछाल देखने को मिल रहा है। रोजमर्रा में 30 रुपये किलो बिकने वाला आलू अब 50 रुपये प्रति किलो हो गया है। खुदरा बाजार में लौकी के अलावा कोई भी सब्जी 80 रुपये किलो से कम नहीं मिल रही है।
नवरात्र के दौरान आलू की मांग ज्यादा होती है क्योंकि कंजिका पूजन और भंडारे में आलू और टमाटर की सब्जी बनाई जाती है। इस समय आलू और टमाटर की बढ़ी कीमतों ने श्रद्धालुओं को मुश्किल में डाल दिया है। बढ़ती महंगाई के कारण आम घरों की थाली धीरे-धीरे खाली हो रही है। खासतौर पर मौसमी हरी सब्जियों की ऊंची कीमतों ने घरों का बजट बिगाड़ दिया है।
गुरुग्राम के दयानंद कॉलोनी की गृहिणी अनीता ने बताया कि बढ़ी हुई सब्जियों की कीमतों से घर चलाना मुश्किल हो रहा है। कोई भी सब्जी 80-100 रुपये किलो से कम नहीं है। टमाटर की कीमतें लगभग दोगुनी हो चुकी हैं और बिना टमाटर सब्जी बनाना मुश्किल है। नवरात्र के दौरान फलाहार के कारण फलों की कीमतें भी बढ़ती हैं, लेकिन इस बार तो सब्जियों ने ही महंगाई के सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। प्रशासन को इस बढ़ती कीमतों पर नियंत्रण के लिए ठोस कदम उठाने की जरूरत है। दुकानदारों के मुताबिक, थोक बाजार में ही सब्जियां महंगी हैं, इसलिए वे भी कम कीमत पर बेचने में असमर्थ हैं। इस वजह से लोग अब किलो की बजाय 250 ग्राम या आधा किलो सब्जियां खरीदने पर मजबूर हो रहे हैं।