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भोले बाबा सिर्फ कुंवारी लड़कियों को ही बनाते हैं अपनी शिष्या, नारायण साकार हरि पर चौंकाने वाला खुलासा

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उत्तर प्रदेश के हाथरस में 2 जुलाई को हुई घटना में हर रोज नए-नए खुलासे सामने आ रहे हैं। जिस सूरज पाल उर्फ नारायण साकार हरि के सत्संग में भगदड़ मची थी, उसमें एक और चौंकाने वाला खुलासा सामने आया है कि सत्संग में बाबा हमेशा कुंवारी लड़कियों से घिरा रहता था. उसे लाल रंग पसंद था, इसलिए इन लड़कियों को सत्संग के दौरान आयोजन समिति की ओर से स्पेशल लाल पौशाक दी गई थी. ये खुलासा सूरज पाल के सत्संग में जाने वाली महिलाओं ने किया है.  

जानकारी के मुताबिक, वहां मौजूद लड़कियों ने बताया की सूरजपाल के आसपास रहने वाली कुंवारी लड़कियां उनको अपना पति मानती थी। वे वही पोशाक पहनकर सत्संग में जाती थीं और नृत्य करती थीं. उन्होंने बताया कि सत्संग के दौरान बाबा हमेशा काला चश्मा पहना करता था. उन लड़कियों को सूरज पाल के चश्मे में भगवान का रूप दिखता था. इतना ही नहीं, जो महिलाएं सत्संग में जाती थीं, उन्होंने कई ऐसे खुलासे किए, जिनके बारे में वे कमरे में भी बताने से झिझकती थीं. ये लड़कियां उसका सम्मान करती थीं और उसकी एक पुकार पर कुछ भी करने को तैयार रहती थीं.   

सत्संग में जाने वाली महिला ने बताया कि सूरज पाल सत्संग के दौरान सभी महिलाओं को एक जैसे कपड़े पहने हुए देखता था और वह सत्संग के दौरान उन महिलाओं को देखकर मुस्कुराता रहता था. दीक्षा लेने वाली महिलाएं हमेशा सूरजपाल के आसपास ही रहती थीं. उस समय सूरजपाल चश्मा पहनते थे.  

रिपोर्ट के अनुसार भोले बाबा के आश्रम में महिलाओं की अलग-अलग कैटेगरी तय की गई थी। जिसमें सिर्फ कुंवारी लड़कियां ही बाबा की शिष्या थीं और वही उनके आसपास रहा करती थी। इसके लिए लड़कियों को बाबा से विशेष दीक्षा लेनी पड़ती थी। वहीं सुहागिन महिलाओं को सूरजपाल में भोले बाबा के दर्शन होते थे. उन्हें सूरज पाल से दूर रखा जाता था, वह शादीशुदा महिलाओं को अपने पास नहीं आने देता था. एक महिला ने बताया कि भोले बाबा को लाल रंग बहुत पसंद था इसीलिए कुंवारी लड़कियां लाल जोड़े में तैयार होकर उनके पास जाती थी और नृत्य करती थी।

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